स्वाभिमान शोसाईटी बनाने की जरूरत क्यू पड़ी?

हरियाणा में 2012 नवंबर में एक महीने में 40 दलित महिलाओं के गैंग रैप और मडर हुये थे।जिनको हमने फ़ैक्ट फ़ाईडिग की थी। इस स्थिति में हरियाणा में दलित महिलाओं का अपना खुद का ज़मीनी स्तर पर काम करने वाला कोई भी संगठन नही हैं।इसलिए हमने यह फ़ैक्ट फ़ाईडिग नेशनल लेवल के कई संगठनों के साथ मिलकर की थी।

परंतु उस समय में हरियाणा में दलित महिलाओं का खुद का कोई इस प्रकार का संगठन नही था। जबकि स्वाभिमान सोशाइटी 2005 से हरियाणा में नैटवर्कीग का कार्य  रही हैं उस समय में हमने  2013 मैं यह निर्णय लिया था कि हरियाणा में एक दलित महिला आंदोलन खड़ा करना हैं। तो इसी दौरान दलित महिला स्वाभिमान यात्रा हमने हरियाणा में निकाली थी। जिसमें हमारे साथ हमारे समाज की 20 -25 युवा दलित लड़कियों को इस यात्रा के द्वारा लीडर बनाया गया  थी। एक संगठन को रजिस्टर कराने में भी हमे हरियाणा में बहुत चैलेंज को झेला हैं। क्योंकि हरियाणा जैसे राज्य में इस मुद्दे पर कार्य करना आसान कार्य नही हैं। पर हमने हार नही मानी और हम बिना रजिस्ट्रेशन के ही काम करना शुरू कर दिया था।

दलित महिलाओं के अलग -2 मुद्दों पर उनकी आवाज़ को उठाना शुरू किया। परंतु सभी लड़कियाँ छात्र होने के कारण  और आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने के कारण हमारा जो मिशन हैं। हम उस तक नही पहुंच पा रहे हैं। पर फिर भी हम अपनी लड़ाई एक बड़े पैमाने पर लड रहे हैं। आज हम अपनी सफलता इसमे मानते हैं। कि हरियाणा जैसे – जगह जहा लड़कियों को घर से बहार ही नही निकलने दिया जाता हैं। वहां  हमने 20 दलित युवा लड़कियों  को एक समाजिक कार्यकर्ता के रूप मे कार्य करने के लिये तैयार कर दिया हैं। क्योंकि यहां के जो भी ज़मीनी स्तर के भी जो संगठन वो भी दलित युवा लड़कियों को लीडरशीप के रूप में देखना नही चाहते है। व ना ही महिलाओं व लड़कियों को मौका मिलता है। आगे आने का व हरियाणा में दलित लड़कियों की जो शिक्षा का जो स्तर हैं। वह बहुत ही बेकार है। पहली तो बात है लड़कियों को बढ़ाया ही नही जाता है। फिर अगर बहुत मुश्किल की परिस्थितियों में वो पढ़ाई करने भी लगती हैं। तो उनको अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे  – कि रहने के लिए हॉस्टल की समस्या आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हे बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पढ़ती है। व जो पढ़ाई करते भी हैं। तकनीकी स्तर से बहुत दूर रखा जाता है। और जो ड्रॉपआऊट हैं। व फिर किसी भी तरीके से जाति हिंसा का शिकार हुई लड़कियाँ हैं। उनको स्वाभिमान शोसाईटी के द्वारा तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाती हैं। व समाज में सभी  दलित महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के योग्य बनाया जाता हैं।

इस लिये हरियाणा में स्वाभिमान शोशाइटी रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत पडी। ये संगठन भी आज रजिस्टर हैं। पर आज भी हम आर्थिक स्थिति के कारण अपना कार्य मजबूत तरीके से करने में समर्थ नही हैं। समस्या वही की वही हैं। आज हरियाणा जैसे राज्य में दलित महिलाओं की लीडरशीप धीरे-2 खत्म हो रही हैं। क्योंकि यहां पर दलित महिलाओं के संगठन नही है। जो कि ज़मीनी स्तर के मुद्दों की लड़ाई को लड़ सकें। नेशनल लेवल के सगंठन हरियाणा में कई सालों से काम कर रहे हैं। जिनकी संख्या एक या दो हैं। जहा पर एक दिन में ही 15,20 केस होते हो वहा एक व्यक्ति क्या कर सकता हैं। इस लिये हरियाणा में दलित महिलाओं के लोक्ल संगठनों को मजबूत करने की जरूरत हैं। इस मुद्दे को खत्म करने के लिये। स्वाभिमान शोशाईटी हरियाणा का एक ऐसा संगठन जो दलित महिलाओं का खुद का संगठन हैं। जिसमें सभी युवा दलित लड़कियाँ  हैं। और हरियाणा में इतने सालों से दलित महिलाओं पर अत्याचार के बाद आज हरियाणा की युवा लड़कियाँ ने ये संगठन को बनाकर और इंडवीज्वली हरियाणा में कार्य की शुरुआत कर के ये साबित कर दिया हैं। कि वास्तविक में हमें हिंसा को खत्म कर सकते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य है दलित महिलाओं को सगठित करके उनके संगठन बनाना व ज़मीनी स्तर के जो अत्याचार है। उनको खत्म करने के लिए महिलाओं को आंदोलित करना हैं।